पराक्रम शौर्य और समृद्धि का प्रतीक है आदिवासी महाकुंभ मेला: अविनाश देव

झारखंड/पलामू: कुंभ से एक बूंद अमृत गिरा तो प्रयाग राज में महाकुंभ लग गया. राजा मेदिनी राय के घर-घर मथनिया चलने से न जाने कितना अमृत छलका होगा. पलामू के धरती वीरों कि धरती रही है, नीलांबर पीतांबर यहां के अमर बलिदानी योद्धा अपनी बेशकीमती शहादत दिए. रक्त का कतरा कतरा गिरा तब स्मिता बचा. उन वीर शहीदों और प्रतापी राजा मेदिनी राय के याद में झारखंड के प्रथम विधानसभा अध्यक्ष इंदर सिंह नामधारी के दूरगामी सोच के साथ आदिवासी महाकुंभ मेला का आयोजन किए थे. यह मेला N H 75 बेतला नेशनल पार्क मोड़ दुबियाखाड़ में राजकीय मेला लगता है जिसका आमंत्रण मुझे भी मिला. मैं बहुत प्रसन्नता और खुशी जाहिर कर रहा हूं कि यह ऐतिहासिक मेला का चश्मदीद गवाह मै भी बनूंगा. देश दुनिया के आदिवासियत स्मिता जल जंगल जमीन और संस्कृति पर मंडरा रहे खतरे को खत्म करने का कारक बनेगा.

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