
Santosh Shrivastav/News27Dsr
झारखंड: सरकार की आत्मसमर्पण नीति “नई दिशा” से प्रभावित होकर प्रतिबंधित उग्रवादी संगठन जेजेएमपी के दो सदस्यों, पप्पू साव और चंदन प्रसाद ने पुलिस अधीक्षक कुमार गौरव और सीआरपीएफ कमांडेंट यादराम बुनकर के सामने आत्मसमर्पण कर दिया.
कौन थे ये उग्रवादी?
पप्पू साव: पिछले कई वर्षों से जेजेएमपी में सक्रिय सदस्य थे और बालूमाथ, चंदवा, लातेहार, छिपादोहर और आसपास के क्षेत्रों में कई आपराधिक घटनाओं में शामिल थे, इन पर कई मामले दर्ज हैं. चंदन प्रसाद इन पर भी एक मामला दर्ज है.
पुलिस का क्या कहना है?
लातेहार एसपी कुमार गौरव ने बताया कि पुलिस के बढ़ते दबाव के कारण नक्सली आज समर्पण कर रहे हैं. पुलिस लगातार प्रयास कर रही है और नक्सलियों के परिजनों को समझाने का भी प्रयास किया जा रहा है. सीआरपीएफ कमांडेंट ने नक्सलियों से आत्मसमर्पण करने या मारे जाने के लिए तैयार रहने को कहा है. उन्होंने सरकार की आत्मसमर्पण नीति का लाभ उठाकर समाज की मुख्यधारा में शामिल होने की अपील की.
उग्रवादियों का क्या कहना है?
दोनों उग्रवादियों ने कहा कि जो भी लोग नक्सली हैं वे सरकार की इस आत्मसमर्पण नीति का लाभ उठाएं.
यह समर्पण क्यों महत्वपूर्ण है?
यह समर्पण इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि यह दिखाता है कि सरकार की आत्मसमर्पण नीति काम कर रही है और नक्सलियों को समाज की मुख्यधारा में लौटने का मौका मिल रहा है। यह पुलिस के बढ़ते दबाव को भी दर्शाता है। उम्मीद है कि यह समर्पण अन्य नक्सलियों को भी आत्मसमर्पण करने के लिए प्रेरित करेगा..
झारखंड सरकार की आत्मसमर्पण नीति कि कुछ अतिरिक्त जानकारी दी गई है.
• झारखंड सरकार की आत्मसमर्पण नीति “नई दिशा” नक्सलियों को आत्मसमर्पण करने और समाज की मुख्यधारा में लौटने के लिए प्रोत्साहित करती है.
• इस नीति के तहत आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों को पुनर्वास सहायता और अन्य लाभ प्रदान किए जाते हैं।
• पुलिस लगातार नक्सलियों पर दबाव बना रही है और उनके ठिकानों पर छापेमारी कर रही है.
• नक्सलियों के परिजनों को भी उन्हें आत्मसमर्पण करने के लिए समझाने का प्रयास किया जा रहा है.
यह खबर लातेहार में नक्सलियों के खिलाफ चल रहे अभियान में एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम है.