
संतोष श्रीवास्तव/News27Dsr
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झारखंड/पलामू: यह खबर दहेज प्रथा की एक और दुखद घटना को उजागर करती है। यह खबर वास्तव में दिल दहला देने वाली है और हमारे समाज में व्याप्त इस कुप्रथा की कड़वी सच्चाई को दर्शाती है.खबर के अनुसार, हुसैनाबाद अनुमंडल के हैदर नगर थाना क्षेत्र के सिंघाना गांव की रहने वाली 21 वर्षीय इंदु देवी दहेज प्रथा की बलि चढ़ गई हैं। मृतका के परिवार वालों ने ससुराल पक्ष पर दहेज के लिए ज़हर देकर मारने का आरोप लगाया है.मृतका इंदु देवी के पिता, लल्लू यादव ने पिपरा थाना में लिखित शिकायत दर्ज कराई है. शिकायत में उन्होंने बताया है कि उन्होंने अपनी बेटी इंदु की शादी मई 2022 में पिपरा थाना के अंबा झरना निवासी भूखण यादव के बेटे प्रवीण यादव से की थी. लल्लू यादव के अनुसार, उन्होंने अपनी सामर्थ्य के अनुसार दहेज दिया था.बाद में, जब इंदु देवी के भाई को नौकरी मिल गई, तो इंदु देवी के ससुराल वाले मायके से मोटरसाइकिल की मांग करने लगे। वे इंदु देवी के साथ मारपीट भी करते थे। कुछ समय पहले, जब इंदु देवी और उनके पति सिंघना गांव आए थे, तो लल्लू यादव ने दामाद को विदाई में 85 हजार रुपये दिए थे. इसके बावजूद, ससुराल वाले दो लाख रुपये नकद और एक बाइक की और मांग करने लगे. जब लल्लू यादव ने कुछ समय मांगा, तो मंगलवार शाम को उन्हें खबर मिली कि उनकी बेटी इंदु को ज़हर देकर मार दिया गया है.लल्लू यादव तुरंत इंदु देवी के ससुराल पहुंचे और देखा कि आंगन में शव पड़ा है और परिवार के लोग फरार हैं. लल्लू यादव ने अपनी शिकायत में समधी भूखण यादव, दामाद प्रवीण यादव, सास और ननद पर इंदु देवी को ज़हर देकर मारने का आरोप लगाया है. पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए अनुमंडलीय अस्पताल हुसैनाबाद भेज दिया है और आगे की जांच कर रही है.
• दहेज प्रथा एक सामाजिक अभिशाप: जैसा कि खबर में भी बताया गया है, दहेज प्रथा हमारे समाज के लिए एक बहुत बड़ा अभिशाप है. यह एक ऐसी कुप्रथा है जिसमें शादी के समय लड़की के परिवार वालों से लड़के के परिवार वालों द्वारा नकद, गहने, गाड़ी, और अन्य मूल्यवान वस्तुओं की मांग की जाती है.
• दहेज की मांग: शादी से पहले लड़के के परिवार वाले लड़की के परिवार से खुलकर दहेज की मांग करते हैं। यह मांग अक्सर लड़की के परिवार की आर्थिक स्थिति और सामाजिक प्रतिष्ठा पर निर्भर करती है.
• दहेज ना मिलने पर अत्याचार: यदि लड़की का परिवार दहेज की पूरी मांग पूरी नहीं कर पाता है, तो लड़की को ससुराल में प्रताड़ित किया जाता है. यह प्रताड़ना मानसिक, शारीरिक और भावनात्मक हो सकती है और कुछ मामलों में, जैसा कि इंदु देवी के मामले में हुआ, लड़की की मृत्यु का कारण भी बन सकती है.
• कानूनी अपराध: दहेज लेना और देना दोनों ही कानूनन अपराध है. भारत सरकार ने दहेज प्रथा को रोकने के लिए कई कानून बनाए हैं, जैसे कि दहेज निषेध अधिनियम 1961 (Dowry Prohibition Act 1961)। इसके बावजूद, यह कुप्रथा आज भी समाज में व्याप्त है.
• जागरूकता अभियान: सरकार और कई गैर-सरकारी संगठन (NGOs) दहेज प्रथा के खिलाफ लगातार जागरूकता अभियान चलाते रहते हैं. इन अभियानों का उद्देश्य लोगों को दहेज प्रथा के दुष्प्रभावों के बारे में शिक्षित करना और इस कुप्रथा को समाप्त करने के लिए प्रेरित करना है.

यह खबर हमें यह याद दिलाती है कि दहेज प्रथा आज भी हमारे समाज में एक गंभीर समस्या बनी हुई है. इंदु देवी की दुखद मृत्यु दहेज प्रथा के कारण हुई हिंसा का एक और उदाहरण है. हमें इस कुप्रथा के खिलाफ एकजुट होकर लड़ना होगा और समाज को दहेज मुक्त बनाने के लिए प्रयास करना होगा.