
विकास कुमार/News27Dsr
पलामू: जिले के हुसैनाबाद अनुमंडलीय अस्पताल में ईलाज के दौरान 21 वर्षीय नवविवाहिता की मौत होने का मामला प्रकाश में आया हैं. ग्रामीणों ने इसे डॉक्टरों के द्वारा ईलाज में लापरवाही बरतने का आरोप लगाया है. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार अंचल थाना क्षेत्र के ग्राम बुधुआ, स्व. शेख अलीमुद्दीन की 21 वर्षीय नावविवाहिता पुत्री शगुफ्ता खातून पति तुफैल अहमद का ईलाज हेतु दोपहर के लगभग 2 बजे के आस-पास अनुमंडलीय अस्पताल लाया गया, जहां पर डियूटी में तैनात डॉक्टर आकाश ख़लको व अन्य महिला नर्स के सहयोग से इलाज किया जा रहा था, तभी कुछ देर बाद ईलाज के दौरान उक्त महिला की मौत हो जाती हैं.इसके बाद परिजन व ग्रामीण डॉक्टर पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए हंगामा करने लगे. वहीं अस्पताल से सूचना प्राप्त होते हीं अनुमण्डल पदाधिकारी गौरांग महतो, अनुमण्डल पुलिस पदाधिकारी एस मोहम्मद याकुब व थाना प्रभारी सोनू कुमार चौधरी दल बल के साथ अस्पताल परिसर पहुंचे और परिजनों से बात चीत की, जिसके बाद लोग शांत हो गए. बताया जा रहा हैं कि मृतिका सगुफ्ता खातून का विवाह इस्लामिक रीति रिवाज से मात्र 3 माह पहले ग्राम केरपा निवासी तुफैल अहमद थाना अमझौर जिला रोहतास बिहार के साथ हुई थी. वर्तमान में अभी अपने मायके बुधुआ में आई थी जिसकी ठीक से हाथों के मेंहदी की रंग भी नही छूटे थे की अचानक सोमवार को पेट मे दर्द होने की शिकायत की. परिजनों ने अनान-फानन में गांव से हुसैनाबाद शहर ईलाज के लिए लाया. जहां शहर के दुर्गाबाड़ी के समीप एक निजी महिला चिकित्सक के पास ईलाज हेतु दिखाया, जिसके बाद स्थिति नियंत्रण से बाहर देखकर उक्त महिला डॉक्टर ने उन्हें सरकारी अस्पताल भेज दिया, जहां ईलाज के दौरान उसकी मौत होने की बात बतायी गई.
क्या कहना हैं परिजनों का: इस सबन्ध में तौसीम आलम आलम ने बताया कि हम अपने बहन के अचानक पेट मे दर्द की शिकायत पर इलाज हेतु अनुमंडलीय अस्पताल लाए, जहां पर ड्यूटी में लगे डॉक्टर ने सुई व कुछ दवा चलाया उसके बाद डॉक्टर ने मृत होने की बात बताया जिसके बाद हमलोग घबरा गए.
एसडीएम ने क्या कहा: घटना के सबन्ध में एसडीएम गौरांग महतो ने बताया कि मृतिका के पति तुफैल अहमद व परिजनों शव को पोस्टमार्टम कराने से इनकार कर गए, लेकिन अस्पताल में लापरवाही से सम्बंधित सभी बिंदुओं पर जांच की जा रही हैं और सिविल सर्जन स्तर से भी जांच कराई जाएगी. ईलाज में लापरवाही से मौत की जांच शिकायत कर्ता के आधार पर की जानी हैं जो अभी तक अप्राप्त हैं.